Media

Witness
us in
action

Blogs & Articles

Knowledge on the go

कमर दर्द और जोड़ों का दर्द: कारण, लक्षण और उपचार

Admin

Author: Admin

Date: 28 August 2025

कमर दर्द (Back Pain)

कमर दर्द (Back pain) एक आम समस्या है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। जब यह दर्द लंबे समय तक बना रहता है या बार-बार होता है, तो यह सिर्फ थकान या उम्र का असर नहीं बल्कि किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। Back pain कई कारणों से हो सकता है जैसे मांसपेशियों में खिंचाव, रीढ़ की हड्डी की समस्या, साइटिका, हर्नियेटेड डिस्क या गठिया। समय पर पहचान और सही उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

Park Group of Hospitals में कमर दर्द और जोड़ों के दर्द का आधुनिक तकनीकों से उपचार किया जाता है। हमारी विशेषज्ञ टीम दिल्ली, गुरुग्राम (सेक्टर 47, पालम विहार, सेक्टर 37D), फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, करनाल, अंबाला, पटियाला, मोहाली, बठिंडा, बहरोड़ और जयपुर जैसे शहरों में उन्नत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रही है।

यदि आप या आपके परिवार में कोई व्यक्ति लगातार कमर दर्द या जोड़ों की समस्या से जूझ रहा है, तो तुरंत मदद के लिए हमारी 24x7 आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +91 99166 99166 पर संपर्क करें।

कमर दर्द के कारण और उपचार (Causes and Treatment of Back Pain)

कमर दर्द (Back Pain) आजकल की बदलती जीवनशैली में एक आम शिकायत है। कई बार यह कुछ दिनों में ठीक हो जाता है जबकि कुछ मामलों में यह लंबे समय तक बना रहता है और व्यक्ति की कार्यक्षमता को कम कर देता है। अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन लगातार बना रहने वाला कमर दर्द शरीर में छिपी किसी गंभीर बीमारी या विकार का संकेत हो सकता है।

कमर दर्द के मुख्य कारण

  • गलत बॉडी पोस्टचर – लंबे समय तक गलत ढंग से बैठने या खड़े रहने से रीढ़ और मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है।

  • मांसपेशियों में खिंचाव या चोट – अचानक भारी वजन उठाने या गलत तरीके से झुकने से मांसपेशियों में strain आ सकता है।

  • रीढ़ की हड्डी की बीमारियां – जैसे डिस्क स्लिप, स्पॉन्डिलाइटिस, हर्नियेटेड डिस्क या ऑस्टियोआर्थराइटिस।

  • लाइफस्टाइल फैक्टर्स – मोटापा, लंबे समय तक एक ही जगह बैठना, शारीरिक गतिविधि की कमी और असंतुलित आहार।

  • अन्य बीमारियाँ – जैसे किडनी स्टोन, हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस), संक्रमण या मलेरिया जैसी स्थितियां।

कमर दर्द का उपचार

कमर दर्द का इलाज (Back Pain Treatment) इसके मूल कारण पर निर्भर करता है। हर व्यक्ति में उपचार की आवश्यकता अलग हो सकती है। सामान्यतः इस्तेमाल किए जाने वाले उपाय हैं:

  • दवाइयाँ और पेन रिलीवर – दर्द और सूजन को कम करने के लिए।

  • फिजियोथेरेपी और योगासन – मांसपेशियों को मजबूत करने, लचीलापन बढ़ाने और गलत मुद्रा को सुधारने के लिए।

  • गर्म और ठंडी सिकाई – मांसपेशियों के तनाव और सूजन को कम करने में सहायक।

  • जीवनशैली में बदलाव – संतुलित आहार, सही बॉडी पोस्टचर, नियमित व्यायाम और योग को अपनाना।

  • सर्जरी और एडवांस ट्रीटमेंट – अगर डिस्क स्लिप, स्पाइनल स्टेनोसिस या नस दबने जैसी गंभीर समस्या हो।


Park Group of Hospitals में विशेषज्ञ डॉक्टर और उन्नत तकनीक की मदद से हर प्रकार के कमर दर्द का सटीक निदान और उपचार किया जाता है। यहां पर मरीजों को उनकी स्थिति के अनुसार व्यक्तिगत उपचार योजना दी जाती है ताकि वे जल्दी और सुरक्षित रूप से स्वस्थ हो सकें।

कमर दर्द के लिए योगासन और एक्सरसाइज (Yoga Poses and Exercises for Back Pain)

कमर दर्द से राहत पाने के लिए दवाइयों और उपचार के साथ नियमित योगासन और एक्सरसाइज बेहद प्रभावी साबित हो सकते हैं। सही व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाते हैं और रक्त संचार को बेहतर करते हैं। इससे न केवल दर्द में कमी आती है बल्कि लंबे समय तक स्वस्थ और सक्रिय रहने में भी मदद मिलती है।

कमर दर्द के लिए उपयोगी योगासन

  1. भुजंगासन (Cobra Pose) – यह योग मुद्रा रीढ़ की हड्डी को सीधा फैलाने में मदद करती है और उसकी लचीलापन क्षमता को बढ़ाने में लाभकारी मानी जाती है।

  2. शलभासन (Locust Pose) – इस आसन के अभ्यास से पीठ की मांसपेशियां सशक्त होती हैं और कमर के दर्द में आराम मिलता है।

  3. मार्जारी वत्सासन (Cat Cow Pose) – यह योगासन रीढ़ की लचीलापन बढ़ाने में सहायक होता है और साथ ही शरीर में जमा तनाव को दूर करने में मदद करता है।

  4. सेतु बंधासन (Bridge Pose) – कमर और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।


कमर दर्द में राहत देने वाले एक्सरसाइज

  1. पेल्विक टिल्ट (Pelvic Tilt) – कमर में होने वाली अकड़न को दूर करने के लिए एक लाभकारी व्यायाम माना जाता है।

  2. ब्रिज एक्सरसाइज – पीठ की मांसपेशियों को सक्रिय और लचीला बनाती है।

  3. चाइल्ड पोज़ स्ट्रेच – कमर के निचले हिस्से को आराम और खिंचाव देता है।

  4. वॉकिंग या हल्की दौड़ – रक्त संचार को बेहतर करके कमर दर्द से राहत पहुंचाती है।


ध्यान देने योग्य बातें

  • कमर दर्द होने पर हमेशा हल्के और नियंत्रित व्यायाम से शुरुआत करें।

  • अचानक भारी वर्कआउट से बचें, इससे दर्द और बढ़ सकता है।

  • यदि दर्द लगातार बना रहे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

कमर दर्द कैसे ठीक करें? (How to Cure Back Pain)

कमर दर्द का उपचार हमेशा उसके असली कारण पर आधारित होता है। यदि परेशानी हल्की हो और केवल मांसपेशियों की थकान, लंबे समय तक काम करने या गलत तरीके से बैठने जैसी आदतों से जुड़ी हो, तो इसे कुछ घरेलू नुस्खों, नियमित योगाभ्यास और व्यायाम की मदद से कम किया जा सकता है। हालांकि जब दर्द लगातार बना रहे, बार-बार लौट आए या बहुत तेज हो जाए, तो इसे अनदेखा करना जोखिमभरा साबित हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।

घरेलू उपाय (Home Remedies for Back Pain)

  • आराम करना और भारी काम से बचना

  • गर्म या ठंडी सिकाई करना

  • सही मुद्रा (posture) में बैठना और खड़ा होना

  • हड्डियों और मांसपेशियों के लिए संतुलित आहार लेना

  • हल्की स्ट्रेचिंग और वॉक करना ताकि रक्त संचार बेहतर हो सके

चिकित्सकीय उपचार (Medical Treatment for Back Pain)

यदि कमर दर्द लगातार बना रहता है, तो डॉक्टर इसके सही कारण का पता लगाने के लिए एक्स-रे, एमआरआई या ब्लड टेस्ट कर सकते हैं। समस्या के आधार पर इलाज में शामिल हो सकते हैं:

  • दर्द और सूजन कम करने वाली दवाइयां

  • फिजियोथेरेपी और मांसपेशियों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज

  • नसों पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के लिए इंजेक्शन या न्यूनतम इनवेसिव उपचार (minimally invasive treatment)

  • जब स्थिति बहुत गंभीर हो जाए तो सर्जरी (back pain surgery) की आवश्यकता पड़ सकती है, खासकर डिस्क स्लिप या स्पाइनल स्टेनोसिस जैसी समस्याओं में

जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes)

कमर दर्द को ठीक करने और भविष्य में दोबारा होने से बचाने के लिए जीवनशैली में बदलाव बेहद आवश्यक है।

  • नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज करें

  • वजन नियंत्रित रखें ताकि रीढ़ पर दबाव न पड़े

  • लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठने या खड़े रहने से बचें

  • सही गद्दे और तकिए का इस्तेमाल करें ताकि नींद के दौरान रीढ़ की हड्डी पर गलत दबाव न पड़े

  • धूम्रपान और शराब जैसी आदतों से बचें, क्योंकि ये हड्डियों और मांसपेशियों को कमजोर कर सकते हैं


कमर दर्द का उपचार (back pain treatment) सही समय पर कराना बेहद जरूरी होता है। अगर इस समस्या को अनदेखा किया जाए तो यह धीरे-धीरे बढ़कर गंभीर परेशानी का रूप ले सकती है, जिससे रोजमर्रा के काम जैसे चलना, बैठना या झुकना कठिन हो जाते हैं। समय पर इलाज करवाने के साथ-साथ जीवनशैली में सुधार करने से लंबे समय तक अच्छा स्वास्थ्य और सक्रिय जीवन बनाए रखा जा सकता है।

जोड़ों का दर्द और रीढ़ की हड्डी की समस्या

जोड़ों का दर्द और रीढ़ की हड्डी की समस्या आजकल आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक हैं, जो उम्र, जीवनशैली और गलत आदतों के कारण बढ़ती जा रही हैं। लंबे समय तक बैठना, व्यायाम की कमी, गलत मुद्रा में काम करना और मोटापा इन समस्याओं को और गंभीर बना देते हैं। इसके अलावा, गठिया (Arthritis), ऑस्टियोपोरोसिस, स्पॉन्डिलाइटिस और चोट जैसी स्थितियां भी जोड़ों और रीढ़ से जुड़ी दिक्कतों का कारण बन सकती हैं।

जोड़ों का दर्द अक्सर घुटनों, कंधों और कोहनियों में महसूस होता है, जबकि रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीठ और कमर में खिंचाव या दर्द होने लगता है। कई बार यह दर्द तंत्रिकाओं (Nerves) पर दबाव डालकर हाथ या पैरों तक भी फैल सकता है। यदि समय पर इलाज न हो, तो ये समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं और चलने-फिरने में कठिनाई पैदा कर सकती हैं।

इन समस्याओं से बचाव और उपचार के लिए नियमित योग और एक्सरसाइज, सही पोषणयुक्त आहार, और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए फिजियोथेरेपी या दवाइयों का पालन करना जरूरी है। गंभीर मामलों में सर्जरी या उन्नत चिकित्सा तकनीक की मदद भी ली जा सकती है।

पार्क ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स में अनुभवी डॉक्टर और विशेषज्ञ आधुनिक तकनीक से जोड़ों और रीढ़ की हड्डी के दर्द का सही इलाज करते हैं, ताकि मरीज को लंबे समय तक राहत मिल सके और जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो।

कमर दर्द और अन्य बीमारियाँ

कमर दर्द अक्सर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ा हो सकता है। कई बार यह केवल मांसपेशियों या हड्डियों की कमजोरी नहीं, बल्कि किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी होता है।

  • किडनी की समस्या: गुर्दे में संक्रमण या पथरी होने पर कमर के निचले हिस्से में तेज दर्द हो सकता है।

  • हर्नियेटेड डिस्क: रीढ़ की हड्डी की डिस्क खिसकने पर नसों पर दबाव पड़ता है जिससे लगातार दर्द और सुन्नपन महसूस हो सकता है।

  • साइटिका: इस स्थिति में नस पर दबाव पड़ने से कमर के साथ-साथ पैर तक दर्द फैल सकता है।

  • आर्थराइटिस: हड्डियों और जोड़ों की सूजन भी लंबे समय तक कमर दर्द का कारण बन सकती है।


इसलिए, यदि कमर दर्द लगातार बना रहे या बढ़ता जाए, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पार्क हॉस्पिटल के विशेषज्ञों से परामर्श हेतु +91 99166 99166 पर संपर्क करें।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

कमर दर्द (Back Pain) कई बार सामान्य कारणों से होता है और आराम, योगासन या घरेलू उपचार से ठीक हो सकता है। लेकिन अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे या अन्य गंभीर लक्षणों के साथ दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

डॉक्टर से संपर्क करें यदि:

  • कमर दर्द 3–4 हफ्तों से अधिक समय तक बना रहे।

  • दर्द इतना बढ़ जाए कि चलने, बैठने या उठने में कठिनाई होने लगे।

  • कमर के दर्द के साथ सुन्नपन, झुनझुनी या पैरों में कमजोरी महसूस हो।

  • अचानक मूत्र या मल त्याग पर नियंत्रण न रहे।

  • दर्द के साथ बुखार, वजन कम होना या भूख कम लगना जैसे लक्षण हों।

  • यदि आपको गंभीर चोट, एक्सीडेंट या गिरने के बाद कमर दर्द शुरू हुआ है।

ऐसी परिस्थितियों में तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेना आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है।

निष्कर्ष – उम्र का असर या कोई बीमारी?

कमर दर्द केवल उम्र बढ़ने की वजह से ही नहीं होता, बल्कि यह कई बार किसी गंभीर बीमारी या चोट का संकेत भी हो सकता है। हल्के और अस्थायी दर्द को आराम, सही व्यायाम और जीवनशैली में सुधार से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन लगातार या बढ़ते हुए दर्द को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है।

अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे, पैरों तक फैलने लगे, या इसके साथ सुन्नपन और कमजोरी महसूस हो, तो इसे सिर्फ उम्र का असर मानकर टालना सही नहीं है। यह स्लिप डिस्क, गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस या नसों की समस्या जैसी स्थितियों की ओर इशारा कर सकता है।

याद रखें, समय पर सही जांच और उपचार से न केवल दर्द से राहत मिल सकती है, बल्कि आगे की जटिलताओं से भी बचाव संभव है।

अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और जरूरत पड़ने पर तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें।

यह भी पढ़ें : लिकोरिया का इलाज (Leukorrhea treatment), लक्षण, कारण, घरेलू उपाय और बचाव के तरीके

कमर दर्द से संबंधित प्रश्न (FAQs about Back Pain)

  1. क्या हर कमर दर्द उम्र बढ़ने की वजह से होता है?
    नहीं। उम्र बढ़ने पर हड्डियों और डिस्क की मजबूती कम हो सकती है, जिससे दर्द बढ़ सकता है। लेकिन युवा लोगों में भी गलत बैठने की आदतें, चोट, मांसपेशियों पर दबाव या बीमारियां कमर दर्द का कारण बन सकती हैं।


  2. कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?
    अगर दर्द लगातार तीन हफ्तों से ज्यादा बना रहे, पैरों तक फैलने लगे, सुन्नपन हो, कमजोरी महसूस हो, या रोजमर्रा के काम प्रभावित हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।


  3. क्या लंबे समय तक बैठे रहने से कमर दर्द बढ़ता है?
    हां। लगातार बैठने से रीढ़ और मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है, जिससे दर्द की संभावना अधिक होती है। बीच-बीच में उठकर चलना, स्ट्रेचिंग करना और सही मुद्रा बनाए रखना जरूरी है।


  4. क्या व्यायाम से कमर दर्द में सुधार हो सकता है?
    सही तरीके से किए गए हल्के व्यायाम और स्ट्रेचिंग से दर्द में राहत मिल सकती है। हालांकि, गलत या ज़्यादा दबाव वाले व्यायाम से समस्या बढ़ सकती है। इसलिए विशेषज्ञ की सलाह से ही व्यायाम करें।


  5. क्या कमर दर्द के लिए सिर्फ दवाइयां ही विकल्प हैं?
    नहीं। दवाइयों के अलावा फिजियोथेरेपी, जीवनशैली में बदलाव, योग, वजन नियंत्रण और सही आहार भी दर्द को कम करने और भविष्य में रोकने में मदद करते हैं।


  6. क्या कमर दर्द हमेशा गंभीर बीमारी का संकेत है?
    जरूरी नहीं। कई बार यह सामान्य खिंचाव या थकान से होता है। लेकिन अगर यह लगातार बना रहे या अन्य लक्षणों के साथ हो तो यह किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकता है।




Contact Us

More Blogs & Articles

Breaking News Horizon

Copyright © 2025. All rights reserved.

Chat with us

Chat with us

Request for Patient Report